विपदा से आपदा हो गई काया को छाया कर गई। विपदा से आपदा हो गई काया को छाया कर गई।
अरे तुम ख़ुद जागो पहले दूसरों को क्या जगाते हो। अरे तुम ख़ुद जागो पहले दूसरों को क्या जगाते हो।
अपनी-अपनी खूबसूरती का आँचल सर पर ओढ़े थिरकते इठलाते पूरी कायनात को घेरे। अपनी-अपनी खूबसूरती का आँचल सर पर ओढ़े थिरकते इठलाते पूरी कायनात को घेरे।
सरकारों को भी उठा सकते हैं ! सरकारों को भी उठा सकते हैं !
वहीं हजार पत्ता से एक घर बन जाता है वहीं हजार पत्ता से एक घर बन जाता है
संसार को यह संदेश बताती हूँ मैं हॉं नदी हूँ मैं। संसार को यह संदेश बताती हूँ मैं हॉं नदी हूँ मैं।